
नरेश सोनी/दुर्ग प्रमुख
दुर्ग। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले की आंच दुर्ग तक पहुंच गई है। ईडी के साथ तीसरे दिन की पूछताछ में कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने मोतीलाल वोरा का नाम लेकर सनसनी फैला दी है। हालांकि मोतीलाल वोरा का नाम सामने आने के बाद उनके विधायक पुत्र अरूण वोरा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने साफ कहा कि राहुल गांधी मेरे दिवंगत पिता पर इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते। अरूण वोरा ने पिता पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया। दरअसल, इससे पहले कांग्रेस के ही दो नेताओं पवन बंसल और मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी ईडी को दिए अपने बयान में स्पष्ट कहा था कि नेशनल हेराल्ड से जुड़े सभी वित्तीय लेन-देन मोतीलाल वोरा ही किया करते थे। अब अरूण वोरा की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आने के बाद सवाल यह उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी, पवन बंसल और मल्लिकार्जुन खडग़े ने ईडी के समक्ष झूठा बयान दिया? या फिर विधायक अरूण वोरा लीपापोती कर रहे हैं?
गौरतलब है कि मोतीलाल वोरा को गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता था। वे कांग्रेस के लम्बे समय तक कोष प्रमुख भी रहे। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने ईडी के अधिकारियों से कहा कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्ति के यंग इंडियन के अधिग्रहण से संबंधित सभी लेनदेन मोतीलाल वोरा देखते थे। इधर, पिता स्व. मोतीलाल वोरा का नाम इस मामले में सामने लाने पर दुर्ग से कांग्रेस विधायक अरूण वोरा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गाधी द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं है। राहुल गांधी को मेरे दिवंगत पिता पर इस तरह के आरोप नहीं लगाने चाहिए।
मोतीलाल वोरा ने किया था साइन
ईडी इन दिनों राहुल गांधी से नेशनल हेराल्ड-एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड सौदे से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ कर रहा है। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने ईडी को बताया कि मोतीलाल वोरा एजेएल और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के बीच सभी वित्तीय लेनदेन के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता थे। एजेएल, नेशनल हेराल्ड का मालिक है।
राहुल ऐसे आरोप कैसे लगा सकते हैं
इसका जवाब देते हुए अरुण वोरा ने कहा कि ये निराधार आरोप हैं। कांग्रेस नेतृत्व गलत नहीं हो सकता, न मोतीलाल वोरा। राहुल गांधी मेरे पिता पर इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के पवन बंसल और मल्लिकार्जुन खडग़े ने अपने बयान में ईडी को बताया था कि सौदे का फैसला एक व्यक्ति ने नहीं लिया था और वोरा सभी वित्तीय लेनदेन के लिए जिम्मेदार थे। इस पर अरुण वोरा ने कहा कि मैं पवन बंसल और खडग़े के वर्जन के बारे में नहीं जानता। सच्चाई की हमेशा जीत होगी। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मोतीलाल वोरा की जीत होगी।
क्या है एजेएल
गुलाम भारत में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लडऩे के लिए नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरूआत हुई थी। इसके प्रकाशन का जिम्मा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कंपनी (एजेएल) ने उठाया था। पंडित नेहरू, सरदार पटेल, आचार्य नरेन्द्र देव, रफी अहमद किदवई समेत अन्य लोगों की पहल पर नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू हो पाया था। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंग्रेजों ने इस अखबार पर पाबंदी लगा दी थी। आजादी के बाद फिर से अखबार का प्रकाशन प्रारम्भ किया गया। लेकिन उसके समक्ष गम्भीर आर्थिक संकट आ गया। हालात इतने बिगड़े कि कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गए। तब कांग्रेस पार्टी ने ९० करोड़ का लोन लिया था। जब एजेएल लोन नहीं चुका पाया तो लोन राशि को इक्विटी शेयर में बदल दिया गया। इस काम का जिम्मा यंग इंडियन नामक संस्था को दिया गया।
राहुल को साबित कर दिया झूठा
नेशनल मीडिया के समक्ष पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को झूठा साबित करने वाले दुर्ग के विधायक अरूण वोरा से इस संवाददाता ने मोबाइल पर बात करने का प्रयास किया। लेकिन विधायक के मोबाइल पर उनके छोटे पुत्र संदीप वोरा ने संवाददाता से चर्चा की। उन्होंने बताया कि उनके पिता (अरूण वोरा) नहाने गए थे। हालांकि मोबाइल पर उनके पिता की आवाज सुनाई पड़ती रही। संदीप वोरा ने कहा कि विधायकजी, राहुल गांधी के साथ हैं। हालांकि उसने यह भी कहा कि मामले में मोतीलाल वोरा का नाम सामने लाना गलत है।
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